बेटियाँ - ईश्वर का अंश
किसी ने सच ही कहा
है कि कायनात की सबसे खूबसूरत देन है बेटियाँ// इस बात को चरितार्थ कर रही हैं डॉ श्वेता पाठक जो
दस साल से बीमार पिता की सेवा में तत्पर हैं// इसके
लिए उन्होने शादी तक नही की हैं//
पिता की देखरेख से लेकर घर-गृहस्थी तक की
जिम्मेदारियॉ उसके कंधो पर आ गई हैं// डॉक्टर
का पेशा छोर श्वेता घर आ गई और पिता की सेवा में जुट गई//
Comments
Post a Comment